मंगल भात पूजा उज्जैन में क्यों होती है?
मंगल ग्रह का जन्म स्थान उज्जैन माना गया है इस वजह से मंगल ग्रह के जन्म स्थान पर भव्य मंगल नाथ का मंदिर बनाया गया है. पुरातन काल से इस मंदिर में मंगल भात पूजा चलती आ रही है.
मंगल दोष क्या है?
मंगल मंगल दोष की वजह से व्यक्ति को जीवन में बेहद सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है अगर कोई व्यक्ति के कुंडली में मंगल प्रथम भाव में चतुर्थ भाव में सप्तम भाव में अष्टम भाव में या फिर द्वादश भाव में बैठा हुआ है व्यक्ति को मांगलिक माना जाता है और ऐसे व्यक्ति को दोष निवारण हेतु मंगल भात पूजा करना अनिवार्य होता है
मंगल दोष से होने वाले नुकसान?
जो भी व्यक्ति मंगल दोष से पीड़ित है ऐसे व्यक्ति को शादी संबंधित परेशानी उत्पन्न होती है उसके अलावा भूमि हानि कर्जा व्यापार में दिक्कत सेहत संबंधित परेशानी व्यक्ति को जीवन में भुगतनी पड़ती है. इस कारणवश उस व्यक्ति को मंगल भात पूजा करना जरूरी है
मंगल पूजा कब कर सकते हैं?
यह स्वयं मंगल ग्रह का मंदिर होने की वजह से आप कोई भी दिन पूजन के लिए आ सकते हो सुबह 7:00 से दोपहर के 3:00 बजे तक आप पूजन के लिए आ सकते हैं आने से 1 दिन पहले कॉल करना जरूरी है पूजा 3 घंटे तक चलती है संपूर्ण सामग्री और पूजा का आयोजन पंडित जी करते हैं.